कैलाश त्रिशूली व नन्दा घुंगुटी के मध्य दुर्गम ग्लेशियरों व रहस्यमयी कन्दराओं के बीच स्थित है – परम शक्ति एवं परम शिव का पावन धाम- होमकुण्ड। 16000 फीट पर स्थित इस पावन स्थल पर मां नन्दा का पौराणिक मन्दिर है, जो पत्थरों से निर्मित है। मन्दिर के भीतर मां नन्दा शिलारूप में विराजमान हैं। मन्दिर के बगल में मां नन्दा के धर्मभाई लाटू का मन्दिर है, जिसमें लाटू भी शिलारूप में…
अधिक पढ़ेंश्री नन्दादेवी राजजात मार्ग में वैदिनी बुग्याल से 15 किमी दूर बगुवावासा से आगे 17500 फीट पर स्थित है रहस्यमयी रूपकुण्ड। यहां आज भी सैकड़ों साल पुराने पुराने मानव कंकाल बिखरे पड़े हैं। ऐसी मान्यता है कि राजा यशधवल की राजजात मां नन्दा देवी के प्रकोप के इसी रूपकुण्ड में बर्फीले तूफान में दफन हो गई थी, इसीलिये इसे रूद्रकुण्ड भी कहा जाता है। इस रहस्यमयी कुण्ड को देखने हर साल…
अधिक पढ़ेंकामदेव को सनातन शास्त्रों में प्रेम और काम का देवता माना गया है। उनका स्वरूप युवा और आकर्षक है। वे विवाहित हैं और रति उनकी पत्नी हैं। वे इतने शक्तिशाली हैं कि उनके लिए किसी प्रकार के कवच की कल्पना नहीं की गई है। उनके अन्य नामों में रागवृंत, अनंग, कंदर्प, मनमथ, मनसिजा, मदन, रतिकांत, पुष्पवान, पुष्पधंव आदि प्रसिद्ध हैं। कामदेव के आध्यात्मिक रूप को सनातन धर्म में वैष्णव अनुयायियों द्वारा…
अधिक पढ़ेंकला को अवतारी शक्ति की एक इकाई मानें तो श्रीकृष्ण सोलह कला अवतार माने गए हैं। सोलह कलाओं से युक्त अवतार पूर्ण माना जाता हैं, अवतारों में श्रीकृष्ण में ही यह सभी कलाएं प्रकट हुई थी। इन कलाओं के नाम निम्नलिखित हैं। १. श्री धन संपदा : प्रथम कला धन संपदा नाम से जानी जाती हैं है। इस कला से युक्त व्यक्ति के पास अपार धन होता हैं और वह आत्मिक…
अधिक पढ़ेंप्राचीन आयुर्वेदिक शास्त्र और तंत्र-ग्रन्थों में ऐसी असंख्य वनस्पतियों (जड़ी-बूटियों और फल-फूलों) का उल्लेख मिलता है जो अमृत जैसी प्राणदायक और विष जैसी संहारक हैं। प्रयोग-भेद से अमृतोपम वनस्पति घातक और मारक वनस्पति पोषक हो जाती है। इस बात का उदाहरण संजीवनी बूटी से दिया जा सकता है, जिसने मृत्युतुल्य पड़े लक्ष्मण को क्षण भर में ही जीवन प्रदान कर दिया था। हमारे देश में नाना प्रकार की वनस्पतियां पायी जाती…
अधिक पढ़ेंअष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता…………!! हनुमान चालीसा की ये पंक्तियां यह बताती हैं कि सीता माता की कृपा से पवनपुत्र हनुमान, अपने भक्तों को अष्ट सिद्धि और नव निधि प्रदान करते हैं। जो भी प्राणी उनकी सच्चे मन और श्रद्धा के साथ आराधना करता है, हनुमान उसे अलौकिक सिद्धियां प्रदान करके कृतार्थ करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि जिन अष्ट सिद्धियों…
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